Monday, April 24, 2017
Thursday, April 6, 2017
मुख्यमंत्री योगी न्यायालयों के भ्रष्टाचार पर भी अपनी नजर डालें
मोदी व केन्द्र सरकार व्यापारियों ही चोर नजर आ रहे हैं । रोजाना नए नए कानून लाए जा रहे हैं । परंतु भ्रष्ट अधिकारियाेें विरुद्ध कोई प्रत्यक्ष कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है । अदालतों में तारीख लगाने के २० रु का रेट बन गया है परंतु कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के अंदर इतना साहस नहीं कि वो अदालतों के भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने का साहस कर सके । आज सामान्य सरकारी कार्यालयों में हालत यह है कि कोई भी काम बिना रिश्वत दिए होना संभव नहीं है ।
योगी सरकार को करना यह चाहिए कि सभी अफसरों को अपनी संपत्ति की घोषित कराने के स्थान पर सभी अधिकारियों पर आयकर का छापा डालना चाहिए । मेरा दावा है कि ९० प्रतिशत अधिकारियों के यहां अवैध सम्पत्ति पायी जाएगी । सरकार को व्यापारी पर कृृृृपा करनी चाहिए । व्यापारी रिश्वत भी देता है । सरकार को कर भी देता है । प्रतिस्पर्धा भी करता है । पंरतु अधिकारियों का केवल यही काम है कि व्यापारी को परेशान करे । आज आम आदमी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं बची है कि वह कार्यालयों में चलने वाली रिश्वत की शिकायत कर सके । मुख्यमंत्री योगी को चाहिए कि उन लोगों को जो उनसे जनता दरबार में शिकायत करने आते है के साथ अपने वरिष्ठ ईमानदार अधिकारी को सादे कपड़़ा़ेे में भेजें और सच्चाई को स्वयं देखें कि किस प्रकार सरकारी कार्यालयों में जनता का खून चूसा जा रहा है ।
योगी सरकार को करना यह चाहिए कि सभी अफसरों को अपनी संपत्ति की घोषित कराने के स्थान पर सभी अधिकारियों पर आयकर का छापा डालना चाहिए । मेरा दावा है कि ९० प्रतिशत अधिकारियों के यहां अवैध सम्पत्ति पायी जाएगी । सरकार को व्यापारी पर कृृृृपा करनी चाहिए । व्यापारी रिश्वत भी देता है । सरकार को कर भी देता है । प्रतिस्पर्धा भी करता है । पंरतु अधिकारियों का केवल यही काम है कि व्यापारी को परेशान करे । आज आम आदमी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं बची है कि वह कार्यालयों में चलने वाली रिश्वत की शिकायत कर सके । मुख्यमंत्री योगी को चाहिए कि उन लोगों को जो उनसे जनता दरबार में शिकायत करने आते है के साथ अपने वरिष्ठ ईमानदार अधिकारी को सादे कपड़़ा़ेे में भेजें और सच्चाई को स्वयं देखें कि किस प्रकार सरकारी कार्यालयों में जनता का खून चूसा जा रहा है ।
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