जी एस टी को लगे दो साल से भी अधिक हो गए हैं पुराने कानूनों का समय से अनुपालन अधिवक्ताओं व सी ए से हो नहीं पा रहा है जिसका ताजा उदाहरण जी एस टी आर 9 का है!इसके भरने की समय सीमा बार बार बढ़ाई गयी पर अधिवक्ताओं , व्यापारियों व सी ए द्वारा यह नही भरा जा सका । सरकार द्वारा कई बार इसके भरने के लिए स्पष्टीकरण जारी किए गए पर इसके बावजूद इसे भरा नहीं जा सका । अंतत: सरकार द्वारा 2 करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियो को इसके भरने से छूट प्रदान कर दी गयी । पर सरकार को यह समझना चाहिए कि वे क्या कारण थे जिनके कारण व्यापारियों , अधिवक्ताओं व सी ए द्वारा इन्हें भरा जाना संभव नहीं हो सका । सच्चाई यह है कि सरकार द्वारा जारी किए फार्मो में कमी है जिन्हें सही भरा जाना संंभव नहीं है ।
फार्म 9 तो भर नही पा रहें उपर से कोढ़ में खाज करते हुए सरकार द्वारा नया नियम लागू कर दिया गया है कि खरीददार के जी एस टी आर 2A मे जितने बिल अगले महीने की ११ तारीख तक आ जाएगें उन्ही का लाभ लिया जाएगा , यह नियम पूरी तरह से अव्यवहारिक है जिसका अनुपालन होना असंभव है । किन लोगाे ने 11 तारीख तक रिटर्न तक भर दिया यह जान पाना लगभग असंभव है अथवा इतना समय खाने वाला है कि एक टैक्स प्राैफैश्नल द्वारा केवल 5 या 10 रिटर्न भर पाना ही संभव है । सरकार द्वारा नए नए नियम बनाए जा रहे हैं पर अभी तक यह नहीं देखा गया है कि अब तक बनाए गए नियमों का पालन क्यों नहीं हो पा रहा है ।
मेरी सरकार से मांग है इतना अव्यवहारिक कानून बनाने वालाे , इतना समय बीत जाने के बाद भी उसमें सुधार करने के स्थान पर और भी अव्यवहारिक कानून बनाने वालो के विरुद्ध एक जांच कमेटी बनायी जाए जिसमें व्यापारियों व टैक्स प्राेेफेशनल्स को शामिल किया जाए ।
फार्म 9 तो भर नही पा रहें उपर से कोढ़ में खाज करते हुए सरकार द्वारा नया नियम लागू कर दिया गया है कि खरीददार के जी एस टी आर 2A मे जितने बिल अगले महीने की ११ तारीख तक आ जाएगें उन्ही का लाभ लिया जाएगा , यह नियम पूरी तरह से अव्यवहारिक है जिसका अनुपालन होना असंभव है । किन लोगाे ने 11 तारीख तक रिटर्न तक भर दिया यह जान पाना लगभग असंभव है अथवा इतना समय खाने वाला है कि एक टैक्स प्राैफैश्नल द्वारा केवल 5 या 10 रिटर्न भर पाना ही संभव है । सरकार द्वारा नए नए नियम बनाए जा रहे हैं पर अभी तक यह नहीं देखा गया है कि अब तक बनाए गए नियमों का पालन क्यों नहीं हो पा रहा है ।
मेरी सरकार से मांग है इतना अव्यवहारिक कानून बनाने वालाे , इतना समय बीत जाने के बाद भी उसमें सुधार करने के स्थान पर और भी अव्यवहारिक कानून बनाने वालो के विरुद्ध एक जांच कमेटी बनायी जाए जिसमें व्यापारियों व टैक्स प्राेेफेशनल्स को शामिल किया जाए ।