सेना में अफसरों की कमी का रोना पिछले कई सालाेे से रोया जा रहा है । इसकी असली जड़ सेना भर्ती परीक्षाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता है इसी कारण हिंदी माध्यम से पढ़े हुए बच्चे इन परीक्षाओं में सफल नहीं हो पाते । हिन्दी माध्यम से पढ़े बच्चे तुरंत अंग्रेजी बातचीत करना प्रारम्भ नहीं कर सकते । क्या कभी इन उच्चाधिकारियों ने भारत के गांवों का भ्रमण किया है जहां आज भी सुबह व सांय के समय सैकड़ों बच्चे सेना के जाने के लिए आवश्यक शारीरिक दक्षता प्राप्त करने के लिए दौड़ते दिखायी देते हैं । एसा नहीं है कि देश के लोगों ने अपने बच्चों को सेना में भेजना बंद कर दिया है अथवा देश में एक योग्य बच्चों का अभाव हो गया है जो सेना में अधिकारी बनने के योग्य न हों । | |
आज यदि सरकार सेना भर्ती परीक्षाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता समाप्त कर दे तो आवश्यकता से कई गुना भर्ती होना संभव है । |
Wednesday, August 1, 2018
भारतीय सेनाओं में अफसरों की कमी - अंग्रेजी मानसिकता के लोगों के कारण
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