मोदी व केन्द्र सरकार को व्यापारी ही चोर नजर आ रहे हैं । रोजाना नए नए कानून लाए जा रहे हैं । परंतु भ्रष्ट अधिकारियाेें विरुद्ध कोई प्रत्यक्ष कार्यवाही होती नजर नहीं आ रही है । अदालतों में तारीख लगाने के २० रु का रेट बन गया है परंतु कोई भी अदालतों के भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने का साहस नहीं कर पा रहा । आज सामान्य सरकारी कार्यालयों में हालत यह है कि कोई भी काम बिना रिश्वत दिए होना संभव नहीं है ।
सरकार को करना यह चाहिए कि सभी अफसरों को अपनी संपत्ति की घोषित कराने के स्थान पर सभी अधिकारियों पर आयकर का छापा डाले। मेरा दावा है कि ९० प्रतिशत अधिकारियों के यहां अवैध सम्पत्ति पायी जाएगी । सरकार को व्यापारी पर कृपा करनी चाहिए । व्यापारी रिश्वत भी देता है । सरकार को कर भी देता है । प्रतिस्पर्धा भी करता है । पंरतु अधिकारियों का केवल यही काम है कि व्यापारी को परेशान करे । आज आम आदमी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं बची है कि वह कार्यालयों में चलने वाली रिश्वत की शिकायत कर सके । मुख्यमंत्री योगी को चाहिए कि उन लोगों को जो उनसे जनता दरबार में शिकायत करने आते है के साथ अपने वरिष्ठ ईमानदार अधिकारी को सादे कपड़ों में भेजें और सच्चाई को स्वयं देखें कि किस प्रकार सरकारी कार्यालयों में जनता का खून चूसा जा रहा है ।
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