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पत्रांक-928-931 दिनांक-15/o07/2016
सेवा में,
श्री राजनाथ सिंह जी,
माननीय गृह मंत्री,
भारत सरकार,
नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली-110001
विषय :- जिहादी जुनून की जड़ !
संदर्भ :- दैनिक जागरण, गुरुग्राम, दिनांक-11/07/2016
महोदय,
आपकी सेवा में दैनिक जागरण में छपे लेख की
छाया प्रति भेजी जा रही है ! विद्वान् लेखक श्री एस. शंकर ने बड़ी तर्कयुक्त शैली
में यह सिद्ध किया है कि आतंकवादियों का कोई धर्म भले ही न हो परन्तु मजहब अवश्य
होता है और वह है इस्लामी जिहाद ! वस्तुतः यह ध्यान देना आवश्यक है कि इस्लाम कोई
धर्म नहीं है, बल्कि मजहब है ! यह बात दुनिया के सभी मुसलमान कहेंगे ! हिन्दुस्थान
में हम इतने अनाड़ी हैं कि धर्म और मजहब के अंतर को नहीं समझते ! धर्म का अर्थ है
ब्रह्मांड का शाश्वत कानून (इटर्नल लॉ ऑफ़ यूनिवर्स) !
कांग्रेसियों कि तर्ज पर भाजपा के नेतागण भी यही
राग अलापने लगे हैं कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता ! रोचक बात यह है कि
आतंकवादी जेहादी बार-बार अपने कारनामों का कारण मजहबी आदेश बता रहे है ! श्री शंकर
ने अपने लेख में यह ठीक लिखा है कि इस तथ्य से नजर चुराना आतंकवाद को बढ़ावा देना
ही है ! कृपया यह सुनिश्चित कर लेने का कष्ट करें कि –
क्या हिन्दुस्थान की सरकार की आतंकवाद को, विशेषतः
कश्मीर घाटी में फैले और बढ़ रहे जेहादी आतंकवाद को और जवाहर लाल नेहरु
विश्वविद्यालय में जड़ जमा रहे आतंकवाद को मिटाने की कोई 5 वर्षीय, 10 वर्षीय, 20 वर्षीय, 50
वर्षीय
नीति है या नहीं अथवा अंधेरे में तीर चलाए जा रहे हैं, क्या जहां उपद्रव है
वहां मरहम लगाओ, उससे आँख चुराने की कोशिश करो, यही 70 वर्षीय परिपाटी चलती रहेगी ! इस
संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी भिजवाने का कष्ट करें ! सादर,
भवदीय,
(डॉ. महेश चन्द्र गुप्त)
मुख्य परामर्शदाता
प्रतिलिपि :-
1.
माननीय श्री मोहन राव जी भागवत, पूज्य सर
संघचालक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ,
हेडगेवार
भवन, महाल, नागपुर
2.
श्री चन्द्र प्रकाश कौशिक जी, अध्यक्ष हिन्दू महासभा,हिन्दू महासभा भवन,
मंदिर मार्ग,
नई दिल्ली-110001
3.
श्री दिनेश चन्द्र त्यागी जी, महामंत्री,
सांस्कृतिक गौरव संस्थान, संकटमोचन आश्रम,
सेक्टर-6, रामकृष्णपुरम्, नई
दिल्ली-110022
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